तुझे याद करने की शायरी मन में
जब नज़रें तुझ पर पड़ती है , तो जिस्म भी उतार-चढ़ाव । कभी तुझ स्वप्नों में खो गया हूँ , और उसके साथ गुजारा करता रहा हूँ । तुझसे मिलना एक वि
जब नज़रें तुझ पर पड़ती है , तो जिस्म भी उतार-चढ़ाव । कभी तुझ स्वप्नों में खो गया हूँ , और उसके साथ गुजारा करता रहा हूँ । तुझसे मिलना एक वि
कुछ बातें होती हैं जिन्हें कहना मुश्किल लगता है। ज़िन्दगी के असल चेहरे| कुछ ऐसे अनुभव होते हैं जो शब्दों में ढल न सकें। ऐसी उमंग होती है